Sunday, December 10, 2006

Know ,The MOMENTS.

क्या आप बता सकते है कि आजकल अंगरेजी का सबसे ज्यादा बोला जाने वाला शब्द कौन सा है? जी हाँ, 'Hello'.
तो आइए हम अपनी खोज की शुरूआत इसी शब्द से करते हैं.
कुछ लोगों का कहना है कि यह प्राचीन फ्रांसीसी शब्द Hola से निकला है जिसका मतलब है 'कैसे हो' और यह फ्रांसीसी शब्द 1066 ईसवी के नारमन हमले के समय इंगलिस्तान पहुंचा था.
लेकिन दो तीन सदियों में इस शब्द का रूप काफ़ी बदल गया है.
हाथ मिलाते समय भी सबसे पहले बोलते हैं हेलो
अंगरेजी भाषा के कवि चॉसर के ज़माने तक यानी 1300 के बाद यह शब्द Hallow का रूप ले चुका था.
फिर शेक्सपियर के ज़माने में यानी दो सौ साल बाद यही शब्द Halloo के रूप में ढल गया और शिकारियों और मल्लाहों के हत्थे चढ़ा तो इसके कई रूप सामने आए जैसे: Hallloa, Hallooa, Hollo.
वर्ष 1800 तक इस शब्द का एक विशेष रूप तय हो चुका था और वह था Hullo.
कुछ अरसे बाद जब टेलिफ़ोन का अविष्कार हुआ तो इस शब्द को नयी पहचान मिली. शुरूआत में लोग फोन पर हेलो कहने के बजाए पूछा करते थे Are you there?
क्योंकि तब उन्हें यह विश्वास नहीं था कि उनकी आवाज़ दूसरी ओर पहुंच रही है.
लेकिन अमेरिकी अविष्कारक थॉमसन एडिसन को इतना लंबा शब्द पसंद नहीं था. उन्होंने जब पहली बार फ़ोन किया तो उन्हें य़कीन था कि दूसरी ओर उनकी आवाज़ पहुंच रही है. चुनांचे उन्होंने सिर्फ इतना कहा Hello. तब से आज तक दुनिया भर में टेलिफोन पर बात-चीत की शुरूआत इसी शब्द से होती है.

Thursday, October 12, 2006

SAPNO...... ki , SuRKh SaYaHI Se.........



सपनो की, सुर्ख ...... स्याहि से..!!



जागने वाले कभी सोते नहीं ..

अपनी किसमत पर रोते नहीं ,

चाहे आंधि हो या तूफान ..

चाहे विपदाएं बांध रही हो बांध



हम उठते हैं...

अजगर की फूंकार ~~~~भरते हैं,

आंधियों को अपने वश में करते हैं

रास्तों का मुंह अपनी मंज़िलों पर मोड़ देते हैं .....



फिर ...


लहराकर ~~~~मदमस्त चाल से ,

आन से ,

बान से ,

शान से ,



आपना हाथ बढाकर ..हक से,

पाते हैं ,जों लिखा था हमनें ...

अपनें मुकद्दर में

सपनो की, सुर्ख ...... स्याहि से..!!


Jagane wale kabhi sote nahi ...
Apni kismat pe Rote Nahi,
Chahe Aandi ho ya Toofan...
Chahe Vipdayein, Bandh Rahee ho ...BAANDH.

Hum Utha-te hai......
Aajgar ki phoonkar~~~ bharte hai...
Aandheeyon ko ,aapne.. Wash mein Karte hai.
Raston ka.... MUuh, apani Manzi-lon par.. mod-dete hai.

Phir....


Laharakar... Madmast chal se,
....Aan se,
....Ban se,
.... Shan se...


Aapna hath badha kar,... Hak se
Pate hai ...
Jo likha tha humne,Apne Mukaddarr mein
Sapano...... ki , SURKH SAAYAHI SE.........